आपके दिल की धुन: इज़हार शायरी
एक मौन आत्मा भीरहस्य से अलग जाती है, जब उसे एक प्यार का क्षण मिलता है। उस पल में शब्दों का कोई ताना होता है, जो आत्मा को छू लेता है। इज़हा�
एक मौन आत्मा भीरहस्य से अलग जाती है, जब उसे एक प्यार का क्षण मिलता है। उस पल में शब्दों का कोई ताना होता है, जो आत्मा को छू लेता है। इज़हा�